हिन्दी चिट्ठाजगत में मेरा पहला प्रयास है. सौंदर्य के सभी प्रेमियों को यह प्रयास पसंद आएगा. आपका सहयोग अपेक्षित है.
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सौंदर्य ईश्वरीय वरदान है. मनुष्य बुद्धि और पराक्रम अपने कर्म से प्राप्त कर सकता है किंतु सौंदर्य ईश्वरीय छाया है. धन्य हैं वे जिन्हें तन की सुंदरता मिली है. जो मन की सुंदरता की बात करते हैं वे अपने मन को सांत्वना मात्र देते हैं. इसलिए आइए.. धरती पर अवतरित सुंदरता की देवियों का स्तुतिगान करें.
10 टिप्पणियां:
बहुत खूब! बधाई!
लग तो सुन्दर ही रिया है, देखते हैं, आगे आगे कौन कौनसी सी सुन्दरियों के दर्शन करवाते हो।
बधाई हो भाई।
बहुत खूब.. ये ही कमी थी. अब सुंदरता के पुजारी आ गए. बाज़ार खड़ा हो गया. लगे रहो पुजारी जी. हम भी स्तुतिगान में घंटा बजाने आएंगे. मंदिर में अखंड पाठ जारी रखें. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.
स्वागत है!!
स्वागत है, आप पूजा पाठ करते रहे. हम भी देवी दर्शन उपरांत चढ़ावे के रूप में टिप्पणी देते रहेंगे.
अच्छा प्रयास है।बधाई।
सही है जी थोड़ा एंटरटेनमैंट भी होना चाहिए क्या रात दिन या तो गंभीर किस्म का चिंतन या फिर वैचारिक झगड़े।
मंदिर अच्छा सजाया है, ऐश देवी भी विराजमान की हैं। उम्मीद है आगे भी विभिन्न देवियों के दर्शन कराते रहोगे।
सही है, एक इहै की कमी थी इहां।
स्वागत व शुभकामनाएं
अरे पुरा सहयोग मिलेगा रे..
हन्डरेड परसेंट मिलेगा रे पुजारी तु युँ ही उपासना किया कर .. किया कर... किया जा...
what a wonderful work lage raho pujiari ji Prakash Rathore
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